Poetry

Poetry is not an opinion expressed.
It is a song that rises from a bleeding wound
or a smiling mouth...!!!

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Thursday, 1 September 2011

गणपति बाप्पा मोरिया

नाम गणेश के - काम गणेश के (गणपति बाप्पा मोरिया )


मेरे इन कुछ शब्दों के साथ हम आज एक शुरुआत करते हैं ,
सर्वप्रथम पूज्य उस गजमुख का आग़ाज़ करते हैं।...

लोगों को तकलीफों में , दुःख में तो हमने उस विघ्नहर्ता को याद करते सुना ही है,
पर आज हम इस पावन पर्व में ,
उन प्यारे और भोले से श्री गणेश को याद करते हैं।...
*बोलो श्री मंगलमूर्ति भगवन की जय।...*

शिव पार्वती के लाड़ले पुत्र हो तुम,
प्यारा भाई तुम्हारा कार्तिकेय।...
काम जग में शुरू करे कोई मानस ,
तो बोले -
*गंगंपति की जय।..*

पूजा अर्चना स्वीकार करो मेरी,
इस जग को धन-धान्य से भर दो।...
दोस्त ही नहीं दुश्मनों की ,
भी सारी इच्छाएं पूरी कर दो।...
क्योकि मूषकवाहन में हो तुम चलते पारसमय ,
इसी बात पे सब मिलकर बोलो - * श्री सिद्धिविनायक की जय।...*

एक सौ आठ नाम हैं तिहारे लम्बोदर,
पर एक ही हर परिस्थिति में याद कर लेता हूँ।...
मेरे बाप्पा सुन ले मेरी ,मैं भी तेरा एक नादान सा बेटा हूँ।...
तू है करता, तू है धर्ता ,तू है करुणामय ,
तो शर्माकर न बैठो आप सब और बोलो -
*श्री अष्टविनायक की जय।...*

बाप्पा के नाम का एक दोहा याद आता है मुझे -
"बुद्धि भरण अशरण शरण ,
हरण अमंगल जाल।
सिद्धि सदन करिवर बदन ,
जय जय गिरिजा लाल।।"

रिद्धि सिद्धि विनायक, तुम ब्रह्मज्ञान विज्ञानं के मूल ,
चढ़ाएं तुमको हम मेवा मोदक,कर दो हमारे विघ्नों को दूर।...


"वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ,

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु  सर्वदा!!!"






- आर्यन " पथिक "

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