Poetry

Poetry is not an opinion expressed.
It is a song that rises from a bleeding wound
or a smiling mouth...!!!

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Saturday, 13 December 2008

एक और दास्ताँ ख़त्म हो गयी।

एक और दास्ताँ ख़त्म हो गयी।

एक और प्यार की दास्ताँ ख़त्म हो गयी,
टूट गए सारे वादे और ख़त्म हर रस्म हो गयी।...

संग जीने की जो की थी बातें,
संग मरने की जो की थी बातें,
वो सभी एक धुंधला प्रसंग रह गयी।...

खुशियाँ थी नेक , पर ग़म भी थे अनेक,
ये खुशियाँ भी न रही अपनी,
जो हारकर अपने सारे ग़म दे गयी।...

तू रह गया तनहा ऐ मुसाफ़िर,
इस तन्हाई के समंदर में,
जब मोहब्बत तेरे दिल से निकलकर 
किसी अजनबी की हमदम हो गयी।...

धुंधली हुई सब यादें,
धुंधली हुई सब बातें,
छाये बादल यूँ की,
हुई सब बरसातें,
जिन्हें देखकर पलकें नाम हो गयीं।...

वो बूँदें थी या यादों का आईना,
हर बूँद में मुझे तस्वीर तेरी नज़र आई,
जिन्हें छूते ही वो मुझमे कहीं ग़ुम हो गयीं।...

एक झोंका हवा का आया मुझतक,
लेकर तेरा संदेसा कि - "तू खुश रहना , मैं भी खुश हूँ।
तेरी हँसी जैसे मेरे होठों में बसी,
तेरे अश्क़ मानो मेरी आँखों की नमी।"
और ये कहते - कहते वो भी चुप हो गयी।...

इस तरह एक और प्यार की 
दास्ताँ आज ख़त्म हो गयी।...




- आर्यन  " पथिक "

Sunday, 12 October 2008

Kya Hua Tera Waada...!!!

क्या हुआ तेरा वादा।


क्या हुआ तेरे उस वादे का,
कि तू जल्द ही लौट आएगी।
क्या हुआ तेरे उस वादे का,
तू मेरी बनके रह जाएगी।...

क्यों कहती थी तू मुझसे,
कि तू मेरी है बस मेरी है।
क्यों कहती थी तू मुझसे,
कि बस कुछ लम्हों की ही देरी है।...

क्यों कहती थी तू मुझसे,
हम तुम फिर मिल जाएंगे,
दो तनहा दिल मिल जाएंगे।...

ख़ुदा भी सर झुकाएगा,
जब मोहब्बत की रहमत से,
दो सूखे फूल खिल जाएँगे।...

 धुप में भी होगी छाया,
जैसे पतझड़ में सावन आया।...

पर ये सब एक झूठा सपना था,
जैसे अंधियारे में होती ओझल छाया।...

तेरा इंतज़ार मैं आज भी करता हूँ,
जिरती साँसों को भी गिनता हूँ।...

तू आएगी मुझसे मिलने,
तू आएगी मेरी बनने,
एक खाली दिल लेके हूँ बैठा,
तू आजा रहने इस दिल में।...



- आर्यन " पथिक "